उस चाँद के मानिंद रोशन कोई कहाँ
आसमां के दामन में यूँ चराग बहुत हैं
उन साँसों के तपिश की तासीर और है
कहने को जहाँ में यूँ तो आग बहुत है
एक घूँट के सुरूर में कुछ बात है साकी
तेरे मैकदे में यूँ तो शराब बहुत है
चन्द एक सबक का ये खेल ज़िन्दगी
पढने को यूँ तो वैसे किताब बहुत हैं
मेरे जीने का सबब ये तसव्वुर तेरे हैं
बुनने को यूँ तो नींद में ख्वाब बहुत हैं
हर एक मेरे सवाल का अंजाम अब तू है
पाने को मेरे पास यूँ जवाब बहुत हैं ।
bhut khoob mr. prtek...
ReplyDeletethank u dear..!!
DeleteBeautiful! No other word that would be this apt comes to my mind right now. Beautiful beyond measure....
ReplyDeletenow what to say..i really don't have any idea..:D
Deleteu urself understand what i'm trying to say..:)
bahut bahut bahuttttttttttttt badiyan :))
ReplyDeletebahuttt bahutttt shukriya :):):)
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