वो हँसी वो शरारतें तेरा वो संजीदापन
तेरा साया भी मुझसे दूर हो तो डरता हूँ मैं ।तेरे एहसास मेरे तहरीर में यूँ रवाँ-गवाँ हैं
तू जो ख़ामोश हो पल भर को तो डरता हूँ मैं ।
लाख हमदर्द मेरे ग़म को कहीं बाँट भी लें ग़र
न हो हाथों में तेरा हाथ तो डरता हूँ मैं ।
मेरे ख़्वाबों में तेरे साथ तमाम ज़िन्दगी जियूँ
पर तेरी आहट को भी हूँ महरूम तो डरता हूँ मैं ।
मेरी रूह को सर-बसर है तेरे उल्फ़त की आरज़ू
मयस्सर और को है ये सोच के डरता हूँ मैं ।
मेरे पहलूनशीं होकर तू जब हाल-ए-दिल कहती है
बेरहम पल वो जब गुज़रे तो डरता हूँ मैं ।
बेबस मेरी निगाहों को है तेरे विसाल की हसरत
तू आकर भी चली जाए तो डरता हूँ मैं ।
Now my comments are going to sound very repetitive as yet again it's just 'beautiful' that comes to my mind. Make her read this, I mean whoever your muse is. I bet she will fall in love with you still more :)
ReplyDeleteomg..!! m really really flattered.:)
Deleteu know it's so unique compliment i have ever got..n i wud surely make her read it once i find her..:)
She iz in ur imagination...first of all find her in real world then after u hav opportunity to make her read. Really she will be flattered on u........:)
Delete